भारतीय सेना की कोर्ट ऑफ़ इन्क्वॉयरी ( ) में मेजर लीतुल गोगोई के ख़िलाफ़ होटल विवाद मामले में दोषी पाया
गया है और उनके ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया गया है.
अदालत
ने पहली नज़र में मेजर गोगोई को स्थानीय लोगों के साथ 'सेना के निर्देशों
के ख़िलाफ़ जाकर मेलजोल और अनौपचारिक सम्बन्ध रखने और ड्यूटी की जगह से दूर
रहने' का दोषी पाया है.समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक कोर्ट ऑफ़ इन्क्वॉयरी सेना के ही एक ब्रिगेडियर ने की है.
ये सारा विवाद तब शुरू हुआ जब मेजर गोगोई ने इस साल मई में एक स्थानीय युवक और 18 साल की एक लड़की के साथ श्रीनगर के एक होटल रूम में जाने की कोशिश की.
होटल स्टाफ़ ने लड़की को कमरे में जाने की इजाज़त नहीं दी, जिसकी वजह से स्टाफ़ के सदस्यों और कुछ स्थानीय लोगों से उनका झगड़ा हुआ था. सके बाद पुलिस ने मेजर गोगोई को हिरासत में ले लिया था.
विवाद बढ़ने और मामला मीडिया में आने के बाद सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि अगर मेजर गोगोई दोषी पाए गए तो उन्हें ऐसी सज़ा मिलेगी जो मिसाल बनेगी. ब कॉर्प्स कमांडर को बाद कोर्ट ऑफ़ इन्क्वॉयरी के फ़ैसले को मंजूरी देनी होगी, जिसके बाद आर्मी ऐक्ट की प्रासंगिक धारा के तहत मेजर गोगोई पर आरोप तय किए जाएंगे.
फिर ये फ़ैसला होगा कि उन्हें सज़ा दी जाएगी या उनका कोर्ट मार्शल किया
मेजर गोगोई पिछले साल तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने बडगाम में एक शख़्स को मानव ढाल के रूप में सेना की जीप से बांध दिया था.
इसके बाद उन्हें सेना ने पुरस्कार भी दिया था. इस पूरे मामले पर काफ़ी विवाद हुआ था और अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिली.
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस मामले में भारतीय सेना की 53वीं राष्ट्रीय रायफल्स के ख़िलाफ एफ़आईआर भी दर्ज की थी.
जाएगा.
कश्मीरी युवक को जीप में बांधकर चर्चा में आए थे गोगोई
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